#मैं एक किशान हूँ
सर्दी हो या गर्मी, मैं ये सब कहा देखता हूँ,
मुझे खेती करनी होती हैं बस |
सभी मुझे किशान कहते है
हा मैं एक किशान हूँ ||
पैर भी ठीटूरते हैं जिस्म भी सिकुड़ने लगता हैं
इन सर्द मौसमों मै मेरा बुढ़ापा भी टूटने लगता हैं|
मुझे किशान कहते है
हा मैं एक किशान हूँ||
तुम्हारे लिए ही हर वक़्त मैं मायूस रहता हूँ
तुम जो मेरे लिये कानून ला रहे हों, मेरा भी योगदान हे सरकार मे
मुझे किशान कहते हैं
हा मैं एक किशान हूँ