मैं उड़ना चाहती हूं।
आसमान की ऊँचाइयों में, मैं उड़ना चाहती हूं,
ख्वाबों की परवाह किए, खुद को मैं पाहुंचाना चाहती हूं।
पंखों की छाँव में, बादलों की मुस्कान में,
जिन्दगी के सफर को, हर पल नए रंग में देखना चाहती हूं।
खुली हवा में, हवाओं के साथ सरकना हूं,
मैं अपनी राहों में, हर रुकावट को चुराना चाहती हूं।
जीवन के संगीत में, स्वरों की लहराहट में,
मैं अपनी दुनिया को, पूरी तरह से समझना चाहती हूं।
उड़ान भरना है, अपनी आज़ादी के साथ,
मैं जिन्दगी को, खुली पंखों से झूमना चाहती हूं।
ऊँचाईयों को छूने की चाह में,
मैं जिंदगी के रंगों में खोना चाहती हूं।
हवाओं में स्वप्नों की परवाज,
किनारों को छोड़, मुझे आसमान में खोना चाहती हूं।
बादलों के साथ बदलना चाहती हूं मैं,
खुद को बे-हिसाब आज़ाद करना चाहती हूं।
हर रोज़ नयी राहों में चलकर,
मैं जिंदगी की हर खुशी को पाना चाहती हूं।
उड़ान भरने की आज़ादी, मेरा मकसद है,
मैं जिंदगी में खुद को पूरी तरह से खोना चाहती हूं।