मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
मैं नादान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
खुदा ने खूबसूरत है दुनिया बनाई
मुबारक खुदा को ये उसकी खुदाई
मेरी ये जिन्दगी खुद ही मेरा इन्तेहां है
मैं नादान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
समझते हैं सब मुझको ऐसे बेगाना
जैसे आदमी नहीं मैं हूँ कोई फसाना
समझता हूँ मैं कौन कितना मेहरबां है
मैं नादान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
सफर पर हूँ मगर लगता बेसफर हूँ
जिंदगी के रास्तों से बहुत बेखबर हूँ
न मंजिल है न मालूम है जाना कहाँ है
मैं नादान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
“V9द” सुन अलग ही अंदाज हूँ मैं
न उसकी रहमतों का मोहताज हूँ मैं
मेरी हिम्मत बनी आज मेरी रहनुमां है
मैं नादान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है