मैं आया तो ये जहां पाया
मैं आया तो ये जहां पाया
खुद को मै फिर भी ना समझ पाया
मैं मे था मैं ये भी ना जाना मैंने
ये दुनिया कल्पना ही तो थी मेरी
जिसे इन्सान आज तक ना समझ पाया
जब समझ आया खुदा को पाया
मैं कही ना पाया तो फिर मैं कौन था
स्वामी गंगानिया