Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2017 · 1 min read

मैं अपने शब्दों से तेरी खूबसूरती कैसे बयां करूं

मैं अपने शब्दों से तेरी खूबसूरती कैसे बयां करूं,
आईने की तरह तुझे अपने आगे शजा लिया क्या करूं, या फिर देवी की तरह तेरी पूजा किया करू
तेरी बातो को अपने ओठो से लगा लिया करू, या फिर तुझे अपनी पलको मे बैठा लिया करू ,अब तू ही बता मै अपने शब्दों से तेरी खूबसूरती कैसे बयां करूं
तेरी सागर से भी गहरी आंखों में मैं अपने दिल की नौका को डूबा लिया करू, या बादल बनकर तुझ पर वर्षा किया करूं ,तेरे तन को भीगा दिया करुं,
अब तू ही बता मैं अपने शब्दों से तेरी खूबसूरती कैसे बयां करूंा

372 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फार्मूला
फार्मूला
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Janab hm log middle class log hai,
Janab hm log middle class log hai,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
कौन है जिम्मेदार?
कौन है जिम्मेदार?
Pratibha Pandey
मुरली कि धुन,
मुरली कि धुन,
Anil chobisa
कर्मयोगी
कर्मयोगी
Aman Kumar Holy
"चाहत " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जहर    ना   इतना  घोलिए
जहर ना इतना घोलिए
Paras Nath Jha
ज़िंदगी तेरा
ज़िंदगी तेरा
Dr fauzia Naseem shad
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
Shyam Sundar Subramanian
*मै भारत देश आजाद हां*
*मै भारत देश आजाद हां*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
(5) नैसर्गिक अभीप्सा --( बाँध लो फिर कुन्तलों में आज मेरी सूक्ष्म सत्ता )
(5) नैसर्गिक अभीप्सा --( बाँध लो फिर कुन्तलों में आज मेरी सूक्ष्म सत्ता )
Kishore Nigam
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
Lakhan Yadav
हरि का घर मेरा घर है
हरि का घर मेरा घर है
Vandna thakur
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
Shweta Soni
■ शुभकामनाएं...
■ शुभकामनाएं...
*Author प्रणय प्रभात*
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
Shakil Alam
कीमत क्या है पैमाना बता रहा है,
कीमत क्या है पैमाना बता रहा है,
Vindhya Prakash Mishra
माफ़ कर दो दीवाने को
माफ़ कर दो दीवाने को
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-
बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-
Shreedhar
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
Gouri tiwari
2552.*पूर्णिका**कामयाबी का स्वाद चखो*
2552.*पूर्णिका**कामयाबी का स्वाद चखो*
Dr.Khedu Bharti
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
वो इश्क को हंसी मे
वो इश्क को हंसी मे
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
लाख़ ज़ख्म हो दिल में,
लाख़ ज़ख्म हो दिल में,
पूर्वार्थ
चाह ले....
चाह ले....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"आज और अब"
Dr. Kishan tandon kranti
टूटे पैमाने ......
टूटे पैमाने ......
sushil sarna
*छोड़कर जब माँ को जातीं, बेटियाँ ससुराल में ( हिंदी गजल/गीति
*छोड़कर जब माँ को जातीं, बेटियाँ ससुराल में ( हिंदी गजल/गीति
Ravi Prakash
Loading...