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22 Jan 2024 · 1 min read

मैं अपने अधरों को मौन करूं

मैं अपने अधरों को मौन करूं
तुम मेरे नैनों से बात करो
छोड़ो शब्दों का ये ताना बाना
तुम नैनो से नैनो की बात करो
एहसासों के सागर में से
कुछ पल मोती के चुन लेना
हाथ थामना मेरा ओर
कदम दर कदम चल देना
एक खुशियों का जहान
हम तुम मिलकर बनायेंगे
कुछ मौसम की सरगम से
हम धुन चुरा कर
प्यार की धुन बनायेंगे

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Books from सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
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