“मैं अपनी फेवरेट हूं” (हिंदी कविता)
ज़िंदगी में माता-पिता से मिली
नैतिक-मूल्यों के सिद्धांतों के साथ
एक सफल इंसान बनने की प्रेरणा
उन्हीं बहुमूल्य लक्ष्यों को कर धारण
बच्चों को करूं सदा प्रोत्साहित
करते हुए प्रति क्षण उनकी वंदना
तमाम उतार-चढ़ावों को पार करते हुए
मध्यपड़ाव पर जीवनसाथी संग मिले
खट्टे-मीठे अनुभवों का सुखद अहसास
पचासवें जन्मदिवस पर
“मेरी नाराजगी को हंसते-हंसते झेल
गलतियों को गले लगाकर
हर हालात में स्वीकार करती
मेरी जिंदगी का सहारा
मॉम्सप्रेस्सो” जन्मदिवस की
ऐसी शुभकामनाएं मिलना
बच्चों के दोस्तों ने
खुशियों में शामिल होकर
उपहार- स्वरूप सपरिवारों में
लेखिका रूप में कराई
मेरी नई पहचान
इसलिए “मैं अपनी फेवरेट हूं”