मैं अक्सर भूल जाता हूँ .
मैं अक्सर भूल जाता हूँ .
मैं कुछ हूँ दुनिया याद दिलाती है .।
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फिर भी सजता हूँ संवरता हूँ ।
सौंदर्य बोध का आभास …।
संग जोड़ लेता हूँ …।
ताकत है कमजोरी न बन जाये ।
इसीलिये प्रदर्शन कर पाता हूँ ।
कमजोर हूँ कभी नहीं दिखाता हूँ ।।
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नशा है मुझे होने का …।
दुनिया बेहोश है ……।।।
कभी याद दिलाता हूँ ..।
बच जाये वो सब …।
जो हूँ ………।।।।
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बस यही लिंकन और अम्बेडकर ।
वहीं की वहीं ……।
मेरे अस्तित्व को मौजूद पाता हूँ ….।
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मुकुर जाऊं …।ःः
आता नहीं मुझे इसलिये याद दिलाता है ..।
वरन् कौन बुद्ध ..।
कौन निर्बुद्ध …।
किसे महेंद्र पूर्ण पाता हूँ ..।
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डॉ महेन्द्र