Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2024 · 1 min read

मैंने यह जान लिया कि….

मैंने यह जान लिया कि….
कितना प्यार मुझे करते हैं लोग!
जानकर भी कितने अंजान बनते हैं लोग!
पर इस सच्चाई को भी जानना था ज़रूरी,
कि आ गए हैं इस धरा पर कैसे कैसे लोग!

…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 46 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रभात वर्णन
प्रभात वर्णन
Godambari Negi
आज का वक्त कभी गुजरे
आज का वक्त कभी गुजरे
रेवा राम बांधे
कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती,
कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती,
Shubham Anand Manmeet
निहारा
निहारा
Dr. Mulla Adam Ali
National YOUTH Day
National YOUTH Day
Tushar Jagawat
ये खत काश मेरी खामोशियां बयां कर पाती,
ये खत काश मेरी खामोशियां बयां कर पाती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3741.💐 *पूर्णिका* 💐
3741.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मैं उस बस्ती में ठहरी हूँ जहाँ पर..
मैं उस बस्ती में ठहरी हूँ जहाँ पर..
Shweta Soni
इतनी शिद्दत से रहा इन्तज़ार मुझे।
इतनी शिद्दत से रहा इन्तज़ार मुझे।
इशरत हिदायत ख़ान
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"कैंसर की वैक्सीन"
Dr. Kishan tandon kranti
आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
Sahil Ahmad
चौथापन
चौथापन
Sanjay ' शून्य'
मुक्तक – आज के रिश्ते
मुक्तक – आज के रिश्ते
Sonam Puneet Dubey
.
.
*प्रणय*
ज़िंदगी तुझसे
ज़िंदगी तुझसे
Dr fauzia Naseem shad
चमकता तो मैं भी चाँद की तरह,
चमकता तो मैं भी चाँद की तरह,
Bindesh kumar jha
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
Chaahat
सपना
सपना
ओनिका सेतिया 'अनु '
जो दूसरे को इज्जत देते हैं असल में वो इज्जतदार होते हैं, क्य
जो दूसरे को इज्जत देते हैं असल में वो इज्जतदार होते हैं, क्य
Ranjeet kumar patre
--शेखर सिंह
--शेखर सिंह
शेखर सिंह
તે છે સફળતા
તે છે સફળતા
Otteri Selvakumar
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
Neelam Sharma
जहां से चले थे वहीं आ गए !
जहां से चले थे वहीं आ गए !
Kuldeep mishra (KD)
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
पूर्वार्थ
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
Phool gufran
श्रीराम किसको चाहिए..?
श्रीराम किसको चाहिए..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बिहार के रूपेश को मिलेगा
बिहार के रूपेश को मिलेगा "विश्व भूषण सम्मान- 2024"
रुपेश कुमार
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
Manoj Mahato
Loading...