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3 Sep 2023 · 1 min read

मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।

मुक्तक – चांद पर
😊😊😊😊😊

(1)
212/1222/212/1222
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
बोल दे अगर सच तो गहरे गहरे गड्ढे क्यों।
पूछना जरूरी गर, मां से जा के पूछो तुम,
प्रश्न फालतू का ये पूछते हो मुझसे क्यों।

(2)

चांद मुख पे धब्बे क्यों मैं तुम्हें बताऊंगी।
इसका दुख मुझे भी है अब नहीं छुपाएंगी।
उस समय कहां मिलता था ये टीका चेचक का,
भेज दें जो मोदी जी, जल्द ही दिलाऊंगी।

………✍️ सत्य कुमार प्रेमी

Language: Hindi
278 Views
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