मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
बड़ी बेशर्मी से कहते हो
सत्य अहिंसा से डरते हो
नफरत का जहर बोते हो ?
मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
बड़ी बेशर्मी से
बिच बाजार चौराहा गोली मारी
नतमस्तक होके ख़तम करो
यह कैसा यार रिवाज तुम्हारा ?
देशभाक्ति , समता बंधुता
सविनय असहकार प्यारा
बापू ने सही रास्ता दिखाया
फिर भी क्या किया पूछते हो ?
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मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
कल तक कहनेवाले आज तो
खुलेआम समर्थन में जुटे हैं
सच बोलो दो फाक हम क्यों बटे हैं ?
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मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
कहनेवाले तो गुनहगार हैं ही
बापू अपमान सहनेवालेही उतनेही
गुनहगार हैं बापू तुम्हारे सिपाही कहा गये ?
क्या तुम्हारी शहादत बेकार गई ?
सोचा था क्या यही लोग कल निक्कमे गुलाम
तुम्हारे राहपर चलना तो दूर रोड़ा बनेगे
हम सब चुपचाप तमाशा देखेंगे कब तक ?
मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
कहनेवालों याद रखो गाँधी
कभी ख़तम होंगे ना उनके विचार
लाख कर लो कोशिश जीत हमारी बेशक