” ———————————————मैंने कहा दुआ आई ” !!
माँ के पोपले, मुंह से यों हवा आई /
लोग हँसते रहे,मैंने कहा दुआ आई //
कच्ची दीवारें थी ,अब इमारत है खड़ी /
माँ की मेहनत , क्या अजब रंग लाई //
धोंकनी ,धुआं ,थी माथे पे सिलवटें /
माँ जवानी में ही ,बुढ़ापा उठा लाई //
मुश्किलें थीं , तंग राहें , छोर न था /
माँ के होंसले थे , हमने मंजिल पाई //
मैला आँचल , माँ की गोद का असर था /
करवट बदल कर ज़िन्दगी, खुशियाँ लाई //