मैंने उसे गुलाब भेजा है
मैंने उसे फूलों में कुछ खास भेजा है
जी हां, मैंने उसे गुलाब भेजा है
रंगों में मैंने कुछ लाल भेजा है
जी हां ,मैंने उसे गुलाब भेजा है
दरगाह में मेहता हुआ एक प्रसाद भेजा है
जी हां ,मैंने उसे गुलाब भेजा है
उसके अरमानों को पूरा करने का ख्वाब भेजा है
जी हां, मैंने उसे गुलाब भेजा है
जो रस्मो को नहीं मानता, हसीनों के सर का ताज भेजा है
जी हां, मैंने उसे गुलाब भेजा है
मैंने अपने दिल का गुलिस्तान भेजा है
जी हां ,मैंने उसे गुलाब भेजा है
वह मेरे इश्क को अपना ले ,इस आश भेजा है
जी हां ,मैंने उसे गुलाब भेजा है
लाल जोड़े में महकते हुए फूल की तरह
वह आएगी घर मेरे ,यही मेरी जिंदगी का ख्वाब भेजा है
जी हां, मैंने उसे गुलाब भेजा है
हर्ष मालवीय
बीकॉम कंप्यूटर सेकंड ईयर
एनएसएस वॉलिंटियर्स
शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय