मैंने इक चांद को छोड़ा है आसमां के लिए।
जां तक लेकर था हाज़िर अपने जां के लिए।
मैंने इक चांद को छोड़ा है आसमां के लिए।
वो गुरूर है खुशी और मेरा ज़ुस्तज़ु भी वही
भले वो गुल हो या तितली इस जहां के लिए।
मैंने इक चांद को छोड़ा है आसमां के लिए।
नूर ए अश्क देखकर गदरा तू भी ओ यारा
मैंने तो सबनम छोड़ा ईश्क में निशां के लिए।
मैंने इक चांद को छोड़ा है आसमां के लिए।
कि जिंदगी थी सलामत उन्हीं के यादों तक
अब बचा ही नहीं यह चमन ख़जां के लिए।
मैंने इक चांद को छोड़ा है आसमां के लिए।
सितम है क्या जब सिलसिला ए गम है यहां
तोड़ कर रख दिया कश्ती को तुफां के लिए।
मैंने इक चांद को छोड़ा है आसमां के लिए।
किसे है होश और किसे है अभी होश अाई
हम तो बेहोश बन गए हैं इस जहां के लिए।
मैंने इक चांद को छोड़ा है आसमां के लिए।
मुरीद हूं मैं यहां किसका बताओ मुझे दीपक
क्या मैं मुनासिब हूं मोहब्बत के जहां लिए।
मैंने इक चांद को छोड़ा है आसमां के लिए।
दीपक झा रुद्रा