मेहनत से बड़ी जुगाड़
जीवन मे मेहनत और जुगाड़ दोनो जरूरी है,
मेहनत ना हो तो रास्ते में रुक जाते है,
जुगाड़ ना हो तो सफल होकर भी खो जाते है
बिना जुगाड़ के मेहनत का भी दम फूल जाता है ।
सितारों की तरह टिमटिमाना जरूरी है
बॉस के सामने खड़ी पूँछ हिलाना जरूरी है
जब भी मिले बॉस की दुलत्ती तो
वाह वाह करना भी जरूरी है ।
जुगाड़, जुगाड़ बन बन कर आगे बढ़ती है,
मेहनत जमीन में गड्डा खोदकर उसी में दबती है
जुगाड़ का सितारा ऊपर चमकता है
मेहनत का हीरा कोयले की खान वर्षों गड़ा रहता है ।
अगर मेहनत को आकाश में चमकना है
तो बॉस के तलबों को जीव से चाटना है
स्वाद मिलता रहता है तो मजा आता है
हर लात तुम्हारे पिछबाड़े पर तुम्हें आगे बढाता है।
दर्द का मजा सहना पड़ता है कुछ दिन,
मिलता है कुर्सी का मजा हर दिन
कुर्सी पर बैठकर गप्पें ठोको यारो
पिछवाड़े पर पड़ी लातों को सेको यारो ….
मेहनत से जरूरी जुगाड़ होती है
बीबी जरूरी है पर बाहर की बहार भी जरूरी होती है….