मेहनत का फल
मेहनत का फल ,
चख कर देखो,
स्वाद बड़ा ही मीठा होता,
काम थोड़ा-सा तीखा होता,
आराम तनिक-सा रूठा रहता,
थकान ज़रा सा ऐंठ जाता,
मन मुँह बना कर बैठ जाता,
मेहनत का फल उसको ही मिलता,
बीज में जो जल है देता,
सेवा करने का बल है देता,
मेहनत रंग लाती है एक दिन,
मुसीबत से नहीं जो घबराते एक भी,
विश्वास मन में जगता उनके ही,
मेहनत सच्चे ढंग से किया जिसने भी,
ह्रदय सदैव रहता है प्रसन्न ,
ओठों में दिखती है मुस्कान,
मेहनत का फल मीठा होता है।
रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश ,
मौदहा हमीरपुर ।