#मेरे_दोहे
#मेरे_दोहे
■ कपटी, कुटिल, कलही, कुतर्की कदापि विश्वस्त नहीं हो सकते। इस सच को भूलेंगे तो पछतावे के योग्य भी नहीं रहेंगे।
★प्रणय प्रभात★
#मेरे_दोहे
■ कपटी, कुटिल, कलही, कुतर्की कदापि विश्वस्त नहीं हो सकते। इस सच को भूलेंगे तो पछतावे के योग्य भी नहीं रहेंगे।
★प्रणय प्रभात★