मेरे हिंदुस्तान में
(1)
वीरों को जनम देती धरती हमारी प्यारी,
इतिहास पलटाओ आप प्रमान में।
पुत्र पीठ पर बाँध, शत्रु को छकाया खूब,
झांसीवाली रानी मशहूर है जहान में।
शब्दभेदी बाण चला गौरी का किया जो अंत,
वीरता को देखो पृथ्वीराज चौहान में।
बिना शीश गोरा बादल दुश्मन से लड़े खूब,
सुनो ये कहानी आके मेरे हिंदुस्तान में।
(2)
खूबियों भरा है देश, यहां वीरता विशेष,
हमको बुजुर्ग ये बताएं हिंदुस्तान में।
सेवा संस्कार और देशभक्ति वाले गीत,
परिजन बच्चों को सुनाएँ हिन्दुस्तान में।
पिता गुरू गोविन्द से अवतारी होते जो कि,
देश पर पुत्रों को लुटाएं हिन्दुस्तान में।
वतन बचाने हेतु बेटा तक वार देतीं,
पन्ना धाय जैसी होतीं मांएं हिंदुस्तान में।
डा विवेक सक्सेना