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8 Jun 2024 · 1 min read

मेरे हाथों से छूट गई वो नाजुक सी डोर,

मेरे हाथों से छूट गई वो नाजुक सी डोर,
हम ठहर जो गए तू उस ओर, मैं इस ओर

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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