मेरे हर खूबसूरत सफर की मंज़िल हो तुम,
मेरे हर खूबसूरत सफर की मंज़िल हो तुम,
मेरे प्यार की कस्ती का साहिल हो तुम,
हर वक़्त बस तुम्हें मांगती हु खुदा से,
मेरी हर दुवाओं में शामिल हो तुम।
✍️वैष्णवी गुप्त
कौशांबी
मेरे हर खूबसूरत सफर की मंज़िल हो तुम,
मेरे प्यार की कस्ती का साहिल हो तुम,
हर वक़्त बस तुम्हें मांगती हु खुदा से,
मेरी हर दुवाओं में शामिल हो तुम।
✍️वैष्णवी गुप्त
कौशांबी