मेरे स्वप्न में आकर खिलखिलाया न करो
मेरे स्वप्न में आकर खिलखिलाया न करो
तुम्हारे दांँतों की चमक से
मेरी आँखें खुल जाती हैं !
-आकाश अगम
मेरे स्वप्न में आकर खिलखिलाया न करो
तुम्हारे दांँतों की चमक से
मेरी आँखें खुल जाती हैं !
-आकाश अगम