मेरे साहिल को भी न छू पाओगे
तुम मेरे परवाज़ से , आसमान ले के देख लो
काट दो पंख मेरे , मेरे अरमान ले के देख लो
मंजिल क्या तुम मेरा साहिल भी न छू पाओगे
ना हो यकीन तो सारस सी उड़ान ले के देखलो
प्रज्ञा गोयल ©®
तुम मेरे परवाज़ से , आसमान ले के देख लो
काट दो पंख मेरे , मेरे अरमान ले के देख लो
मंजिल क्या तुम मेरा साहिल भी न छू पाओगे
ना हो यकीन तो सारस सी उड़ान ले के देखलो
प्रज्ञा गोयल ©®