Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2017 · 2 min read

??मेरे सपनों का भारत??

??????????????
मेरे सपनों के भारत का विश्व में पहला स्थान हो ।
दुनिया में अपने देश का एक अलग पहचान हो ।??

राष्ट्रीयता एवं विश्व बन्धुत्व की भावना का निर्माण हो ।
देश, जाति, समाज, समुदाय आदि सभी का कल्याण हो ।
??
सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए एकीकृत आपात कालीन सेवा प्रदान हो ।
आधुनिक समस्याओं का अतिशीघ्र निदान हो ।
??
भ्रष्टाचार, महँगाई, हिंसा, आतंक का न नामोनिशान हो ।
आँखों में शर्म, दिल में प्रेम, सुरक्षित सारा जहान हो ।
??
संगठित अपराध कर्ताओं एवं अवैध कारोबार पर लगाम हो ।
देश में हर किसी के पास अपना रोजगार एवं काम हो ।
??
नई चेतना, नई विचारों, नित्य नूतन प्रयोग का विहान हो ।
नया भूगोल, नया संसार और नया इन्सान हो ।
??
गरीबी,लाचारी, बेरोजगारी से ना कोई परेशान हो ।
एक नया दिन निकले, हर प्राणी के मन का उत्थान हो ।
??
हर जगह शौचालय, अस्पताल एवं शिक्षण संस्थान हो ।
ज्ञानी जनों का व्यक्तित्व विकास में योगदान हो ।
??
अब ना गरीबी से आत्महत्या करता किसान हो ।
हरियाली से लहलहाता हर खेत -खलिहान हो ।
??
सूखा और बाढ़ से ये देश ना कभी परेशान हो ।
लोगों में नई तकनीकी नई सुविधाओं का ज्ञान हो ।
??
पथभ्रष्ट, दिग्भ्रमित नेताओं के लिए कड़ा संविधान हो ।
हर सामाजिक विकास की जिम्मेदारी का निर्वाहन हो ।
??
ना कोई छोटा बड़ा ना कोई गरीब ना धनवान हो ।
सारा भारतवासी एक समान हो ।
??
निर्वस्त्र, भूख से बिलखता बच्चा ना बेघर इन्सान हो ।
हर किसी के पास रोटी, कपड़ा और मकान हो ।
??
हर दिल में सदा ही सत्य, अहिंसा और ईमान हो ।
देश में कभी ना कोई झूठा, झगड़ा,बेईमान हो ।
??
ना कोई दुःखी, दरिद्र हो बस हर चेहरे पर मुस्कान हो ।
खाली हाथ उठे नहीं, हाथ उठे तो दान हो ।
??
हर संस्कृति, धर्म – मर्यादा का मान हो ।
घर में बड़ो और अतिथि का सम्मान हो।
??
मिल कर रहे भाई -भाई चाहे हिन्दू-मुसलमान हो।
साथ में मनाये ईद ,दीवाली ,होली या रमज़ान हो
??
देश के सुरक्षा के खातिर घर-घर में एक सिपाही जवान हो।
जो अपने देश के खिलाफ बोलने वालों का खिंचता जुबान हो।
??
अपने देश के खातिर हर बच्चा चाहे कि कुर्बान हो।
इस देश के मति के लिए हर नागरिक देशभक्त बलिदान हो।
??
भारतीय संस्कृति और समाज में नारी का आदरणीय विशिष्ट गौरवपूर्ण स्थान हो।
बेटा हो या बेटी घर और समाज में दोनों का सामान स्थान हो।
??
माँ के गर्भ में ना किसी भी बेटी के देह का अवसान हो।
दहेज़ से प्रताड़ित कोई भी बेटी ना पहुँचती शमशान हो।
??
इज्जत लूटने वालों के लिए मृत्युदंड का विधान हो।
सभी के दिलों में नारी के लिए इज्जत और सम्मान हो।
??
निर्भय होकर निकले सभी दिन -रात चाहे गली मोहल्ला सुनसान हो।
सुख ,चैन ,शांति और अमन से भरा हुआ हमारा हिंदुस्तान हो।
??
??????सबसे ऊँचा तिरंगा का शान हो। ??????
??????मेरा भारत महान हो। ??????
??????????????
-लक्ष्मी सिंह ??
नई दिल्ली

Language: Hindi
516 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

आखिर तो हूँ एक
आखिर तो हूँ एक "परिंदा"
पंकज परिंदा
हर कोना गुलाबों सा ये महकाए हुए हैं
हर कोना गुलाबों सा ये महकाए हुए हैं
आकाश महेशपुरी
तुमको सोचकर जवाब दूंगा
तुमको सोचकर जवाब दूंगा
gurudeenverma198
ये कैसी आज़ादी ?
ये कैसी आज़ादी ?
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
साहित्यकार कौन
साहित्यकार कौन
Kanchan verma
लिव-इन रिलेशनशिप
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
Neeraj Naveed
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
Lokesh Sharma
यह कैसा प्यार
यह कैसा प्यार
Abasaheb Sarjerao Mhaske
*नेत्रदान-संकल्प (गीत)*
*नेत्रदान-संकल्प (गीत)*
Ravi Prakash
कविता
कविता
Shweta Soni
LOST AND FOUND
LOST AND FOUND
Chitra Bisht
The Unknown Road.
The Unknown Road.
Manisha Manjari
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
surenderpal vaidya
"कलाकार"
Dr. Kishan tandon kranti
अहाना छंद बुंदेली
अहाना छंद बुंदेली
Subhash Singhai
# खरी बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना
दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
निजर न आवै बीर
निजर न आवै बीर
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Mahender Singh
तुम मुझे मेरा गिफ़्ट ये देना.....
तुम मुझे मेरा गिफ़्ट ये देना.....
MEENU SHARMA
चलते रहना ही जीवन है।
चलते रहना ही जीवन है।
संजय कुमार संजू
काव्य की आत्मा और सात्विक बुद्धि +रमेशराज
काव्य की आत्मा और सात्विक बुद्धि +रमेशराज
कवि रमेशराज
#नमन्-
#नमन्-
*प्रणय*
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
आर.एस. 'प्रीतम'
बाजारवाद
बाजारवाद
कार्तिक नितिन शर्मा
कोई दुख नहीं
कोई दुख नहीं
Meera Thakur
3930.💐 *पूर्णिका* 💐
3930.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Yogmaya Sharma
नारी सम्मान
नारी सम्मान
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Loading...