Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Aug 2016 · 1 min read

मेरे सपने…!!

मेरे सपने तो मेरे अपने हैं,
सिर्फ सपने ही तो अपने हैं.
बाकी सारा तो और सभी का है!
सपने तो उपजे इच्छा से,
इच्छा उपजे अपने मन से,
मन में ही तो होते विचार सारे,
विचारों के अनुरूप ही,
मन से उभरते हैं सपने !
सपने ही हैं शिखरों की सीढ़ी,
इन सीढ़ीयों के सहारे से,
इंसान ऊचाईयों को पाता है!
सपनो को पूरा करने की
तृष्णा ही
मानव को ऊँचा उठाती है.
कुछ लोग तो
ऐसा भी कहते कि
सपने देखना नहीं सबके बश में
ऊँचा उठने की इच्छा हो
जिसमे
सपने भी वही देखता है,
ऐसे ही कुछ सपने मेरे हैं,
जिनको साकार बनाउंगी,
इन्ही सपनो के सहारे से,
कभी ऊँची उठ जाउंगी!
सिर्फ सपने ही तो अपने हैं,
मेरे सपने तो मेरे अपने हैं..!!

Language: Hindi
2 Likes · 454 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#आध्यात्मिक_कविता
#आध्यात्मिक_कविता
*प्रणय*
यदि धन है और एक सुंदर मन है
यदि धन है और एक सुंदर मन है
Sonam Puneet Dubey
बेवकूफ
बेवकूफ
Tarkeshwari 'sudhi'
गंगा...
गंगा...
ओंकार मिश्र
संभव की हदें जानने के लिए
संभव की हदें जानने के लिए
Dheerja Sharma
सफर पर चला था इस भ्रम में कि सभी साथ होंगे वक्त बेवक्त मेरे
सफर पर चला था इस भ्रम में कि सभी साथ होंगे वक्त बेवक्त मेरे
VINOD CHAUHAN
सजन हमने  लगाई है तुम्हारे  नाम की मेंहदी
सजन हमने लगाई है तुम्हारे नाम की मेंहदी
Dr Archana Gupta
पानी की तरह प्रेम भी निशुल्क होते हुए भी
पानी की तरह प्रेम भी निशुल्क होते हुए भी
शेखर सिंह
तेरी जलन बनाए रखना था, मैने अपना चलन नहीं छोड़ा।
तेरी जलन बनाए रखना था, मैने अपना चलन नहीं छोड़ा।
Sanjay ' शून्य'
मुझे इश्क़ है
मुझे इश्क़ है
हिमांशु Kulshrestha
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
शिव प्रताप लोधी
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
हरियाली तीज....
हरियाली तीज....
Harminder Kaur
बचपन
बचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
Aarti sirsat
Everything happens for a reason. There are no coincidences.
Everything happens for a reason. There are no coincidences.
पूर्वार्थ
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Packers and movers in Jind |Movers and Packers in Jind
Packers and movers in Jind |Movers and Packers in Jind
Hariompackersandmovers
आवो रे मिलकर पौधें लगायें हम
आवो रे मिलकर पौधें लगायें हम
gurudeenverma198
वक्त के आगे
वक्त के आगे
Sangeeta Beniwal
3421⚘ *पूर्णिका* ⚘
3421⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मेरे टूटे हुए ख़्वाब आकर मुझसे सवाल करने लगे,
मेरे टूटे हुए ख़्वाब आकर मुझसे सवाल करने लगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
तेरे साथ गुज़रे वो पल लिख रहा हूँ..!
तेरे साथ गुज़रे वो पल लिख रहा हूँ..!
पंकज परिंदा
आपकी मुस्कुराहट बताती है फितरत आपकी।
आपकी मुस्कुराहट बताती है फितरत आपकी।
Rj Anand Prajapati
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
सर्द
सर्द
Mamta Rani
क्यों सिसकियों में आवाज को
क्यों सिसकियों में आवाज को
Sunil Maheshwari
🚩🚩
🚩🚩 "पं बृजेश कुमार नायक" का परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
"कु-समय"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...