मेरे सपने
मेरे सपने
यह मेरे सपने है,
जल्दी टूटेंगे नहीं I
और वादा है इनका मुझसे कि कभी रूठेंगे नहीं ,
जो रूठ गए तो मना लूँगी I
हार की कड़वी सच्चाई भी ,
पल भर में सह लूँगी I
पर जो सपने टूट गए तो ,
कैसे बात बनेगी ,
मंज़िल को सही राह कैसे मिलेगी I