Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Dec 2019 · 1 min read

मेरे रहनुमाओं ने भी दी हैं शहादतें…

मेरे रहनुमाओं ने भी दीं हैं शहादतें,
साहिबे-वतन किसी के बाप का थोड़ी है…

आज का मौसम है बेरंग बेढंगा,
अभी झुलस रहा था तन,
है अब सर्द बर्फ़ीला ज़लज़ला,
वे कैसे मुस्कराते हैं अब भी,
जब हुआ जीना यहाँ महँगा ।

विदा हुई चमन की शांति है,
उन्हें किस बात की भ्रांति है,
जल रहा है देश आपस की घृणा से,
वे मजे में हैं नामसमझ जनता की बला से,
आज मैं मर जाऊँ गम नहीं कोई मुझे,
क्या गारंटी है कि ये कल बख्खसेंगे तुझे ।

आवाज़ तेरी धीमे से उठा गया कोई,
उस वेमुला को फाँसी पर चढ़ा गया कोई ।
तब से लेकर आज तक तू,
खुशियाँ मना रहा था,
गर है बाकी आवाज़ तेरे सीने में,
वो आवाज़ बन तू,
धीमे-धीमे ज़ालिम यहाँ,
फ़साने को तुझे जाल बुन रहा था ।

गर कोई आवाज़ उठी,
उसमें आवाज़ मिलने दो,
डाल पर बैठा है तन्हा एक पँछी अकेला,
उसको किसी का हमराह बनने दो ।
गर यूँ तन्हा वो अकेला रह जायेगा,
तब जालिम शिकारी,
बाज की मानिंद पँजों में जकड़ ले जाएगा ।।

कब आएगा होश तुझे,
तेरा सब कुछ लूटने वाला है,
आज पिटा रमुआ का,
तेरा नंबर कल आने वाला है ।
देख हश्र क्या तेरा होगा,
तू उसमें भी ख़ुश हो जाएगा,
क्यूँ इतना बैचेन है तुझे भी बेरहम बेमौत मारा जाएगा ।

“आघात”

Language: Hindi
2 Likes · 189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सफलता का लक्ष्य
सफलता का लक्ष्य
Paras Nath Jha
लड़कियों को विजेता इसलिए घोषित कर देना क्योंकि वह बहुत खूबसू
लड़कियों को विजेता इसलिए घोषित कर देना क्योंकि वह बहुत खूबसू
Rj Anand Prajapati
सर्वप्रथम पिया से रंग
सर्वप्रथम पिया से रंग
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बादलों की उदासी
बादलों की उदासी
Shweta Soni
आज बगिया में था सम्मेलन
आज बगिया में था सम्मेलन
VINOD CHAUHAN
सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर
सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर
Bhupendra Rawat
#आध्यात्मिक_कविता
#आध्यात्मिक_कविता
*प्रणय प्रभात*
संदेश
संदेश
Shyam Sundar Subramanian
कल मेरा दोस्त
कल मेरा दोस्त
SHAMA PARVEEN
हर चेहरा है खूबसूरत
हर चेहरा है खूबसूरत
Surinder blackpen
क्या जलाएगी मुझे यह, राख झरती ठाँव मधुरे !
क्या जलाएगी मुझे यह, राख झरती ठाँव मधुरे !
Ashok deep
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
2834. *पूर्णिका*
2834. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कवि दीपक बवेजा
ज़िन्दगी में हमेशा खुशियों की सौगात रहे।
ज़िन्दगी में हमेशा खुशियों की सौगात रहे।
Phool gufran
*बहुत जरूरी बूढ़ेपन में, प्रियतम साथ तुम्हारा (गीत)*
*बहुत जरूरी बूढ़ेपन में, प्रियतम साथ तुम्हारा (गीत)*
Ravi Prakash
भारतीय रेल (Vijay Kumar Pandey 'pyasa'
भारतीय रेल (Vijay Kumar Pandey 'pyasa'
Vijay kumar Pandey
तुम्हे शिकायत है कि जन्नत नहीं मिली
तुम्हे शिकायत है कि जन्नत नहीं मिली
Ajay Mishra
धड़कूँगा फिर तो पत्थर में भी शायद
धड़कूँगा फिर तो पत्थर में भी शायद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ग़़ज़ल
ग़़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
जय अयोध्या धाम की
जय अयोध्या धाम की
Arvind trivedi
नेता जब से बोलने लगे सच
नेता जब से बोलने लगे सच
Dhirendra Singh
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तपिश धूप की तो महज पल भर की मुश्किल है साहब
तपिश धूप की तो महज पल भर की मुश्किल है साहब
Yogini kajol Pathak
"हालात"
Dr. Kishan tandon kranti
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
Sukoon
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
Neelam Sharma
चांद को तो गुरूर होगा ही
चांद को तो गुरूर होगा ही
Manoj Mahato
Bus tumme hi khona chahti hu mai
Bus tumme hi khona chahti hu mai
Sakshi Tripathi
Loading...