मेरे मां बाप
मेरे मां बाप
मेरी बगिया के
दो फूल
मेरे आसमान के सूरज
मेरे दिल के धरातल पर
उतरता
रात का चांद
मेरे गले में पड़ी एक माला
माला में जड़े
उनकी यादों के सितारे
मेरे मां बाप
मेरे दिल की धड़कन
मेरे जिस्म की नस नस में
बहता लहू
मेरी आत्मा की
हर सुबह खुलती
खिड़की की भोर
मेरे मां बाप
एक जलतरंग से बजते
इन्द्रधनुष के सातों रंगों सा
मेरे बदन पर चढ़ते
एक फूल के कोमल स्पर्श के
अहसास से
एक कोयल की
मीठी तान के राग से
मेरे वीराने में
एक हलचल
मेरे अंधेरे में
एक उजाला
मुझे जीवनदान देता
उनकी यादों का उपहार
मेरे मां बाप
मुझे हर जन्म में मिलें
नसीब में मेरे
हर पल लिखा हो
समय की सीमाओं से परे
बस उनका प्यार
बेशुमार प्यार।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001