“मेरे मन मीत “
हाँ तुम चाँद हो मेरी रातों के !
तुम्ही ख्वाब,मेरी नींदों के !
शहद हो तुम,मेरी बातों में !
गुलाब बन महकते हो,मेरी यादों मे !
खिलते हो कमल मेरे होंठों पे !
मुस्कराते हो सूरज,मेरी आँखों में !
तुम्हारी खुशबुओं से,खिल उठती हूँ
मैं कली सी!
साथ तेरा जगमग दीवाली !
होली के रंग,जीवन में बिखरे !
शामें क्षितिज,चेहरे की लाली !
मेरी हँसी,मेरी खुशी,मेरे सुख,मेरे दुख,
मेरे साथी,मेरे सखा,
मेरे गीत जीवन संगीत,
हाँ तुम्ही तो हो,यारा,मेरे मन मीत !!””
किरण मिश्रा
5.2.2017