मेरे भी कुछ सपने हैं
सपने हर कोई देखता है
मेरे भी कुछ सपने हैं
हर कोई चाहता है
उसके सपने सच हो जाएं
लेकिन सपने काम ही सच होते हैं
सपने सिर्फ वही सच होते हैं
जिन्हे सच करने की कोशिश
लगातार की जाती है
जी तोड़ मेहनत और लगन की होती है ज़रूरत
सपनो को साकार करने के लिए
मुझे भी अपने सपने साकार करने हैं
मैं नहीं घबराता मेहनत और मुश्किलों से
मगर डरता हूं थोड़ा अपने मुकद्दर से
जो कर देता अक्सर नाकाम मुझे
मगर मैं कभी हार नहीं मानता
मुझे मालूम है अंधेरा कितना भी घना हो
आखिर उसे छंटना ही पड़ता है
रौशनी की आगे झुकना ही पड़ता है
यह रौशनी होती है उम्मीद की और हौंसलों की
खुद पर और खुदा की रहमत पर यकीन की