मेरे फनकार!
मुहब्बत के नग्में छोड़कर
बगावत के तराने छेड़!
इससे पहले कि हो जाए
बहुत-बहुत-बहुत देर!!
आने वाली पीढ़ियां वर्ना
माफ़ नहीं करेंगी तुझे!
तू वक़्त की सच्चाइयों से
इस तरह मत आंखें फेर!!
Shekhar Chandra Mitra
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#Communalism #Secularism