मेरे प्रभु
प्रभु हो प्रभु तुम, मेरे प्रभु हो।
करुणा के सागर, दयालु बड़े हो।
जहाँ भी मैं जाऊँ, तेरा दर्श पाऊँ।
मुड़ के जो देखूँ, तुझे संग पाऊँ।।
मैं तेरी हूँ सेवक, तुम मेरे हो स्वामी।
तेरी भक्ति में ही, मेरी जिंदगी है।
प्रभु………….
तेरे संग रह के , करार आ रहा है।
मेरे बिखरे मन को, सँवारा है तूने।।
मैं जिस दिन ना देखूँ, तुम्हें मन के भीतर,
वो दिन मेरा प्रभुवर सूना रहेगा।।
प्रभु हो………
मेरे घर की बगिया में, कलियाँ खिली है।
मैं नन्हा सा पौधा, तू मेरा है माली।।
जिस दिन तू रूठा, कहाँ जाऊँगी में।
तेरे बिन ये जीवन पतझड़ रहेगा।।
रचनाकार….. Veena Mehta