#मेरे प्यारे बाबा दादी#
बच्चो के प्यारे होते हैं।
बाबा दादी न्यारे होते हैं।।
घर के मुखिया वो कहलाते।
सबको साथ में रहना सिखाते।।
सही ग़लत में फर्क बताते।
अच्छी अच्छी बातें हमें सिखाते।।
जब मां हमें डांटने आती।
उनके पीछे हम छिप जाते।।
मां की डांट से हमें बचाते।
पापा को भी डांट लगाते।।
किस्से और कहानी सुनाकर।
हमें ज्ञान की बात बताते।।
हम सब बच्चे लेंगे प्रण।
अपने बाबा दादी की सेवा करेंगे हम।।
रहेगा सर पर उनका हांथ।
तब होगें सारे सपने साकार।।
स्वरचित कविता
रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज
लखनऊ