मेरे पूर्वज मेरी प्ररेणा
मेरे पूर्वज मेरी प्ररेणा
मेरी माता जी मेरी जीवन भर प्रेरणा रही और ब्रहमलीन होने के बाद भी उनके द्वारा दी गई नेक सलाह अच्छी प्रेरक बाते ,सत्य की राह पर चलना,जरूरतमंद की सहायता को ततपर रहना आदि आज भी वरदान साबित हो रही हैं
हमेशा एक बात कहती थी कि चाहे कितनी भी परेशानी क्यों न आए, सत्य का मार्ग मत छोड़ो। सत्य के मार्ग पर चलते रहो तो परेशानी अपने आप रास्ता बदल लेती है। वह उस रास्ते को छोड़ जाती है और सत्य की विजय होती है। अगर जीवन में सत्य का मार्ग छोड़ दोगे तो हमेशा परेशानियां रास्ता रोकेंगी। आज माँ साथ नही हैं हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनके बताए रास्ते पर हम चल रहे हैं। परेशानियां आती हैं, लेकिन सत्य के रास्ते पर चलता देख वे रास्ता बदल देती हैं।हमेशा सत्य की राह ही आसान होती हैं।
साथ ही पापा की प्रेरणा सबका भला करो तो अपने भले की सोचने की जरूरत ही नही पड़ेगी।ईश्वर हर नेक बंदे के साथ होता हैं यही बाते उनकी आज भी मेरी प्रेरणा बनी हुई है उन्होंने ही हमें धर्म, समाजसेवा और नैतिक शिक्षा दी। उनकी यह सोच थी कि हम ऐसा कार्य न करें, जिससे दूसरों का नुकसान हो। उनके समाज सेवा में दिए गए योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनका कहना था कि हमें दूसरों की मदद करने में योगदान देना चाहिए। उन्हीं की प्रेरणा से हमें सब कुछ मिला है। लगभग २९वर्ष पूर्व उनका निधन हो गया।मुझे तो लगता है कि वे आज भी हमारे बीच में हैं। उनकी प्रेरणा व आदर्शो को हम कभी नहीं भुला सकेंगे। उनकी स्मृति में उनकी पुण्यतिथि पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित करती हूँ व पुरय कोशिश करती हूँ कि उनके बताए मार्ग पर चल सकूँ।
“माँ पापा की सीख को मानकर
जीवन डगर पर चलना होगा
सबका भला हो यही बात को
गांठ बांधकर चलना होगा
होगी तभी अपनी भी उन्नन्ति
जब होगी सभी की प्रगति”
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद