मेरे पिता है प्यारे पिता
अच्छे भोले न्यारे पिता।
पिता ने मुझको जन्म देकर
धरती पर अवतरित किया।
अपना कठोर परिश्रम करके
मेरा पालन पोषण किया।
मुझ पर अपना प्यार लुटाते
ऐसे प्यारे-प्यारे पिता।
मेरे पिता है प्यारे पिता
अच्छे भोले न्यारे पिता।
जब मैं कोई शरारत करता
पिताजी गुस्सा हो जाते हैं।
और गुस्से का रूप बनाकर
मुझे अपने पास बुलाते हैं।
ऊपर से दिखते कठोर मगर
अंदर फूल से कोमल पिता।
मेरे पिता है प्यारे पिता
अच्छे भोले न्यारे पिता
जब मैं रूठ कर जीत करता
कोई वस्तु पाने की।
या फिर डर कर संकेत करता
नई चीज को खाने की।
फिर तुम कितने जतन करके
वस्तु वह मुझे दिलाते पिता।
मेरे पिता है प्यारे पिता
अच्छे भोले न्यारे पिता।
डरना कभी ना मुझे सिखाया
साहस मेरा बढ़ाते हैं।
इस दुनिया में कैसे जीना है
आप ही मुझे सिखाते हैं।
ध्रुव तारा बन मार्ग मेरा फिर
प्रशस्त करते जाते पिता।
मेरे पिता है प्यारे पिता
अच्छे भोले न्यारे पिता।
मैं दिन में विद्यालय जाता
और वह खेत पर जाते हैं।
खेत की जुताई करते करते
वह भविष्य मेरा बुनते है।
शाम को घर आते ही पहले
गले से मुझे लगाते पिता।
मेरे पिता है प्यारे पिता
अच्छे भोल न्यारे पिता।
इस दुनिया में पिता पुत्र का
रिश्ता बड़ा निराला है।
पिता पुत्र का आदर्श दशरथ है
और बेटा राम दुलारा है
आप ही मेरे परमेश्वर और
आप ही मेरे ढाल पिता।
मेरे पिता है प्यारे पिता
अच्छे भोले न्यारे पिता।
-विष्णु प्रसाद’पाँचोटिया’
ग्राम महूखेड़ा , देवास (मध्य प्रदेश)