दो रुपए की चीज के लेते हैं हम बीस
नैन खोल मेरी हाल देख मैया
*** सागर की लहरें....! ***
माँ जन्मदात्री , तो पिता पालन हर है
भारत इकलौता ऐसा देश है जहां लड़के पहले इंजीनियर बन जाते है फ
उनको असफलता अधिक हाथ लगती है जो सफलता प्राप्त करने के लिए सह
चरित्र अपने आप में इतना वैभवशाली होता है कि उसके सामने अत्यं
“ख़्वाब देखे मैंने कई सारे है
सुभद्रा कुमारी चौहान जी की वीर रस पूर्ण कालजयी कविता
शराब
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कहने वाले कहने से डरते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
अब नई सहिबो पूछ के रहिबो छत्तीसगढ़ मे
संसार की इस भूलभुलैया में, जीवन एक यात्रा है,