Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2022 · 1 min read

मेरे पापा मेरे सुपर हीरो

क्या लिखूं मैं पापा के बारे में
वह कलम भी ना लिख पा रही
लिखने को कहने को है बहुत कुछ पर
वह कलम भी शब्द ना ला पा रही
जब भी सोचो मैं पापा को
दिल और आंख भर जाती है
किस रूप में देखूं मैं पापा को वह तो
सदा मेरे साथ ही खड़े पाते हैं
ईश्वर का रूप कहूं तो कहीं सच्चा दोस्त
जिसने हर पल हम पर प्यार लुटाया
है कितना बड़ा दिल उनका
खुद की जेब थी खाली पर फिर भी
पर हमारी झोली खुशियों से भर दी उसनें
दिन रात मेहनत करते वह हमें हर खुशियां देने को
कितने भोले हैं मेरे पापा जो कभी खुद के लिए सोचा ही नहीं
सुपर हीरो है पापा मेरे जो मेरी हर मुश्किल का हल बन जाते हैं
सुपर शक्तिमान भी है मेरे जो हर मुश्किल से लड़ के
हम बच्चों के लिए सदा मुस्कुराते हैं
दिल के सच्चे मन के भोले हैं पापा
मेरे वो सुपर हीरो कहलाते हैं

*** नीतू गुप्ता

1 Like · 1 Comment · 310 Views

You may also like these posts

" दिल की समझ "
Yogendra Chaturwedi
क्या सत्य है ?
क्या सत्य है ?
Buddha Prakash
हां....वो बदल गया
हां....वो बदल गया
Neeraj Agarwal
कहने वाले बिल्कुल सही कहा करते हैं...
कहने वाले बिल्कुल सही कहा करते हैं...
Priya Maithil
इन काली रातों से इक गहरा ताल्लुक है मेरा,
इन काली रातों से इक गहरा ताल्लुक है मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सच्चे और ईमानदार लोगों को कभी ईमानदारी का सबुत नहीं देना पड़त
सच्चे और ईमानदार लोगों को कभी ईमानदारी का सबुत नहीं देना पड़त
Dr. Man Mohan Krishna
गंगा
गंगा
लक्ष्मी सिंह
✍️ कलम हूं ✍️
✍️ कलम हूं ✍️
राधेश्याम "रागी"
Bye December
Bye December
Deepali Kalra
गीत- सिखाए ज़िंदगी हरपल...
गीत- सिखाए ज़िंदगी हरपल...
आर.एस. 'प्रीतम'
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
"मेरी मिल्कियत"
Dr. Kishan tandon kranti
23/96.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/96.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
Slok maurya "umang"
गिरमिटिया मजदूर
गिरमिटिया मजदूर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
।।आज की मीडिया का सच।।
।।आज की मीडिया का सच।।
Priyank Upadhyay
- कल तक कोई हाल - चाल न पूछता था -
- कल तक कोई हाल - चाल न पूछता था -
bharat gehlot
याद तो करती होगी
याद तो करती होगी
Shubham Anand Manmeet
ये कैसा घर है. . .
ये कैसा घर है. . .
sushil sarna
"आशिकी"
Shakuntla Agarwal
अमीर घरों की गरीब औरतें
अमीर घरों की गरीब औरतें
Surinder blackpen
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा
Chitra Bisht
बोलबाला
बोलबाला
Sanjay ' शून्य'
माँ तुम्हारी गोद में।
माँ तुम्हारी गोद में।
अनुराग दीक्षित
अस्तित्व
अस्तित्व
Sudhir srivastava
*जानो कीमत वोट की, करो सभी मतदान (कुंडलिया)*
*जानो कीमत वोट की, करो सभी मतदान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अब सौंप दिया इस जीवन का
अब सौंप दिया इस जीवन का
Dhirendra Singh
बेशक प्यार उनसे बेपनाह था......
बेशक प्यार उनसे बेपनाह था......
रुचि शर्मा
Loading...