मेरे पापा मेरे सुपर हीरो
क्या लिखूं मैं पापा के बारे में
वह कलम भी ना लिख पा रही
लिखने को कहने को है बहुत कुछ पर
वह कलम भी शब्द ना ला पा रही
जब भी सोचो मैं पापा को
दिल और आंख भर जाती है
किस रूप में देखूं मैं पापा को वह तो
सदा मेरे साथ ही खड़े पाते हैं
ईश्वर का रूप कहूं तो कहीं सच्चा दोस्त
जिसने हर पल हम पर प्यार लुटाया
है कितना बड़ा दिल उनका
खुद की जेब थी खाली पर फिर भी
पर हमारी झोली खुशियों से भर दी उसनें
दिन रात मेहनत करते वह हमें हर खुशियां देने को
कितने भोले हैं मेरे पापा जो कभी खुद के लिए सोचा ही नहीं
सुपर हीरो है पापा मेरे जो मेरी हर मुश्किल का हल बन जाते हैं
सुपर शक्तिमान भी है मेरे जो हर मुश्किल से लड़ के
हम बच्चों के लिए सदा मुस्कुराते हैं
दिल के सच्चे मन के भोले हैं पापा
मेरे वो सुपर हीरो कहलाते हैं
*** नीतू गुप्ता