मेरे पापा मेरे सांता क्लॉस
मेरे पापा मेरे सांता क्लॉज
क्रिसमस ईव है फिर से आई
खुशियों की सौगात है लाई
नन्हे बच्चे चहक रहे हैं
सबके दिलों में है खुमारी छाई
कोई चाहे प्यारी गुड़िया
किसी को पसंद हैं गुब्बारे
सबके सांता फिर आएंगे
उपहार देने प्यारे-प्यारे
मैं भी जब छोटा था
मुझे भी उपहार मिलता था
क्या होली क्या दिवाली
हर त्यौहार क्रिसमस था
मेरे भी सांता क्लॉज आते थे
कपड़े खिलौने चॉकलेट सब लाते थे
देखा था मैंने चुपके से
वह पापा ही थे जो सांता बनकर आते थे
थपकी देकर मेरे सर पर
अपना प्यार लुटाते थे
नींद में ही महसूस कर लेता
वह पापा ही थे जो सांता बनकर आते थे
अब मैं बड़ा हो गया हूं
अपने पैरों पर खड़ा हो गया हूं
क्या इसी बात से मेरे सांता नहीं आते
एक बार जो गए छोड़कर मेरे पापा नहीं आते
– आशीष कुमार
मोहनिया बिहार