मेरे पापा जल्दी आना
खुशियों की झोली भर कर
फूलों से मुस्कान चुरा कर
मेरे पापा जल्दी आना
लाना अम्बर से चांद चुरा कर
पापा हमें रखना दिल के करीब
मेरी हँसी देखना छूप-छूप कर
मेरे पापा जल्दी आना
सिर पर हाथ फेरना पास बैठा कर
‘मंजु” की बस इतनी सी चाहत
मेरी माँ कहे मुझे पापा की जान
आपके हर सपना पूरा करूँगा
पापा मैं बनाऊँगी अपनी पहचान
पापा मै तेरी शहजादी ,परी रानी हूँ
थोडी अलबेली अठ्खेली सयानी हूँ
मैं सुबह की पुरवा हवाँ सुहानी हूँ
पापा मैं घर कि जलती संध्या रानी हूँ
पापा तेरे आने की आहट से
चेहरा खिल और मुस्कुरा उठती है
मेरे पापा जल्दी आना
नैन मेरे बस तेरी राह देखती है
कवि:- दुष्यंत कुमार पटेल “चित्रांश”