मेरे देश की मिट्टी
हूं एक मां के आंचल से दूर, बनकर एक मां के आंचल का रक्षक,
गोली और बारुद तो क्या, तिरछी नज़र ना पड़ने दूं दुश्मन हो या भक्षक।
देश की शान की खातिर जो जान भी अपनी देनी पड़े,
क़दम ना पिछे हटने दूंगा दूश्मन चाहे कितने हज़ार लड़े।
मां भारती तेरे होने से पुरी दुनिया में तिरंगे का दम है,
विजयी विश्व तिरंगा हमारा शान इसकी औरों से क्या कम है।
तू हीं मेरी शान है,तू हीं मेरी मान है, तू मेरा अभिमान है,
तुझ पर मेरी देश की मिट्टी दिल तो क्या जान भी कुर्बान है।
मर कर भी अमर हो जाऊं, कुछ ऐसा काम कर जाऊंगा,
तिरंगे से लिपट कर आऊंगा और मैं शहीद कहलाऊंगा।
मर जाऊं तो अपनी आंचल की जगह तिरंगा मुझे ओढ़ाना मां,
चुमके मेरा माथा मुझको प्यार से अपनी गोद में सुलाना मां।