Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2022 · 1 min read

मेरे दिल के करीब,आओगे कब तुम ?

मेरे दिल के करीब,आओगे कब तुम ?
आकर मुझे गले से लगाओ कब तुम ?

चूड़ियां लाई हूं मैं अभी मीना बाज़ार से।
आकर चूड़ियों को पहनाओगे कब तुम ?

सुहागन हूं मै,मेरी मांग सूनी पड़ी है।
आकर मेरी मांग को भरोगे कब तुम ?

मेरी बाहों में अब तुम जाओ सनम।
इश्क के इत्र से नहलाओगे कब तुम ?

लाजवंती हूं मै,लाल दुपट्टा लाई हूं मै।
आकर इस दुपट्टे को ओढ़ाओगे कब तुम ?

कर रही हूं इंतज़ार तुम्हारा बहुत देर से।
आकर अपनी सांसों में बसाओगे कब तुम ?

महफिल में बैठी हूं,अब तो आ जाओ सनम।
रस्तोगी की नई गज़ल सुनाओगे कब तुम ?

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

2 Likes · 5 Comments · 911 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
फर्ज मां -बाप के याद रखना सदा।
फर्ज मां -बाप के याद रखना सदा।
Namita Gupta
आदमी आदमी के रोआ दे
आदमी आदमी के रोआ दे
आकाश महेशपुरी
*काल क्रिया*
*काल क्रिया*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
sushil sarna
जो बातें अनुकूल नहीं थीं
जो बातें अनुकूल नहीं थीं
Suryakant Dwivedi
दीदार
दीदार
Dipak Kumar "Girja"
सहधर्मिणी
सहधर्मिणी
Bodhisatva kastooriya
#दिनांक:-19/4/2024
#दिनांक:-19/4/2024
Pratibha Pandey
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति
अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति
Ravikesh Jha
मेरी किस्मत पे हंसने वालों कब तलक हंसते रहोगे
मेरी किस्मत पे हंसने वालों कब तलक हंसते रहोगे
Phool gufran
"जो शब्द से जुड़ा है, वो भाव से स्वजन है।
*प्रणय*
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
Sunil Maheshwari
परिचर्चा (शिक्षक दिवस, 5 सितंबर पर विशेष)
परिचर्चा (शिक्षक दिवस, 5 सितंबर पर विशेष)
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
Easy is to judge the mistakes of others,
Easy is to judge the mistakes of others,
पूर्वार्थ
आस्था का महापर्व:छठ
आस्था का महापर्व:छठ
manorath maharaj
3923.💐 *पूर्णिका* 💐
3923.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नाइजीरिया में हिंदी
नाइजीरिया में हिंदी
Shashi Mahajan
!! वह कौन थी !!
!! वह कौन थी !!
जय लगन कुमार हैप्पी
"अनुवाद"
Dr. Kishan tandon kranti
हर मोड़ पर कोई न कोई मिलता रहा है मुझे,
हर मोड़ पर कोई न कोई मिलता रहा है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सपने में भी डर जाते हैं, उठ जाते हैं, चौंक रहे हैं।
सपने में भी डर जाते हैं, उठ जाते हैं, चौंक रहे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
**OPS माँग भरा मुक्तक**
**OPS माँग भरा मुक्तक**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Omee Bhargava
ग़ज़ल : पेट में दाना नहीं
ग़ज़ल : पेट में दाना नहीं
Nakul Kumar
Teacher
Teacher
Rajan Sharma
अजीब बैचैनी है मुझ में………
अजीब बैचैनी है मुझ में………
shabina. Naaz
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
Loading...