** मेरे जीवन साथी **
मेरे जीवन साथी
छुपाकर चाँद सा
मुखड़ा
क्यों
मुझसे
शर्माती हो
पलकें नीची झुकाके
क्यों अपना छुपा
प्यार दर्शाती हो
उठाओ इन नैनों को
मेरी ऒर
प्यार से
ताकि
मै तुम्हारा
और
तुम मेरी
हो जाओ । ?मधुप बैरागी