मेरे जाने के बाद ,….
मेरे जाने के बाद ,
सभी की आंखें रोएंगी ।
किसी की कम,किसी कि जायदा।
बेगानों की कम , अपनों की जायदा।
दर्द की मात्रा भी किसी में कम,किसी में जायदा।
और किसी किसी आंखों में एक भी आंसू न होगा,
बस चीख चीख कर ,गला फाड़कर ,
अपनी वेदना / दुख दर्शाने का मात्र अभिनय होगा ।
हां! कोई जो बहुत घनिष्ठ होगा ,
माता पिता ! उनके दिल का हाल न पूछो ।
यह सदमा उनको उम्र भर सालेगा।
आंसू सुख चुके होंगे ।
पत्थर बनके सब तमाशे देखेंगे दुनिया के ।
और मैं खुद अपने नश्वर शरीर से दूर रहकर,
देखूंगी चेहरे रंग बदलती गिरगटों के ।
यही इस दुनिया की सच्चाई है ।
अपने बनते हैं सब कहने को ,
मगर वास्तव में अपना कोई नहीं।
अपने तो सिर्फ जन्मदाता और ईश्वर,
इनके सिवा कोई भी नहीं।