Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2021 · 1 min read

मेरे गुरु

पहली नजर में गुरुवर को ने जाना मैने
वही मेंरे सतगुरु थे उन्हें न पहचाना मैंने

आंखों के रास्ते से जब दिल में उनके झांकें
नादान थे बहुत ही कुछ भी न देख पाए
मस्तक पे जो लिखा था उसको भी पढ़ सके ना
सांसों के दरमियां भी बाधा बनी हवाएं

जब लब वो अपना खोले तब उनको माना मैंने
वही मेंरे सतगुरु थे ये क्यों न जाना मैने

उनसे ही ज्ञान लेकर उनको ही पढ़ लिए हम
फिर कुछ बिना बताए सबकुछ समझ लिए हम
परवरदिगार से हम करने लगे दुआएं
गुरु वर को कहीं मेरी ही नजर लग न जाए

क्या ख़ुशनसीब थे हम जो हम को मिल गये वो
बेरंग जिन्दगी को रंगों से भर दिये वो

मै नन्दिनी गुरु के कदमों में शीष रख कर
कहने लगी खुदा से है इल्तिजा हमारी
देना अगर किसी को ऐसा ही गुरु देना
ऐसा ही गुरु देना….??

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 342 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
निगाहे  नाज़  अजब  कलाम  कर  गयी ,
निगाहे नाज़ अजब कलाम कर गयी ,
Neelofar Khan
“मौन नहीं कविता रहती है”
“मौन नहीं कविता रहती है”
DrLakshman Jha Parimal
सत्य सनातन गीत है गीता
सत्य सनातन गीत है गीता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
🤣🤣😂😂😀😀
🤣🤣😂😂😀😀
Dr Archana Gupta
एतबार
एतबार
Davina Amar Thakral
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार जताना नहीं आता ...
प्यार जताना नहीं आता ...
MEENU SHARMA
उस
उस "पीठ" को बेवक़ूफ़ मानिएगा, जो "पेट" की शिकायत हमेशा उसी की
*प्रणय*
जीवन में आनंद लाना कोई कठिन काम नहीं है बस जागरूकता को जीवन
जीवन में आनंद लाना कोई कठिन काम नहीं है बस जागरूकता को जीवन
Ravikesh Jha
साधना की मन सुहानी भोर से
साधना की मन सुहानी भोर से
OM PRAKASH MEENA
यूं तो रिश्तों का अंबार लगा हुआ है ,
यूं तो रिश्तों का अंबार लगा हुआ है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सच हकीकत और हम बस शब्दों के साथ हैं
सच हकीकत और हम बस शब्दों के साथ हैं
Neeraj Agarwal
*प्रेम कविताएं*
*प्रेम कविताएं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
sushil sarna
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
श्रीकृष्ण शुक्ल
"किसान का दर्द"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जिंदगी वही जिया है जीता है,जिसको जिद्द है ,जिसमे जिंदादिली ह
जिंदगी वही जिया है जीता है,जिसको जिद्द है ,जिसमे जिंदादिली ह
पूर्वार्थ
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
gurudeenverma198
चरम सुख
चरम सुख
मनोज कर्ण
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
गीतिका और ग़ज़ल
गीतिका और ग़ज़ल
आचार्य ओम नीरव
*जीवन का आनन्द*
*जीवन का आनन्द*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*हिन्दी हमारी शान है, हिन्दी हमारा मान है*
*हिन्दी हमारी शान है, हिन्दी हमारा मान है*
Dushyant Kumar
शिक्षक सभी है जो उनको करते नमन
शिक्षक सभी है जो उनको करते नमन
Seema gupta,Alwar
इस क़दर फंसे हुए है तेरी उलझनों में ऐ ज़िंदगी,
इस क़दर फंसे हुए है तेरी उलझनों में ऐ ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
VEDANTA PATEL
*सस्ती सबसे चाय है, गरम समोसा साथ (कुंडलिया)*
*सस्ती सबसे चाय है, गरम समोसा साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
Manju Singh
गर्म दोपहर की ठंढी शाम हो तुम
गर्म दोपहर की ठंढी शाम हो तुम
Rituraj shivem verma
Loading...