मेरे गुरु को मेरा प्रणाम _गीत
मेरे गुरु ने मुझको पढ़ाया, जीवन का पथ दिखलाया।
आज दिवस उन्हीं का आया, मैं गीत नया लिख लाया।
?मेरे गुरु को मेरा प्रणाम, मेरा गीत उन्हीं के नाम?
था नन्हा मै अंजाना, पाना था ज्ञान खजाना ।
आया था मुझको रोना, मात-पिता का था समझाना।
लेकर के शाला जाना, छोड़ के मुझको आना।।
मीठी गोली का मिला था पहला इनाम।
?मेरे गुरु को मेरा प्रणाम, मेरा गीत उन्हीं के नाम?
धीरे-धीरे आदत पड़ गई, मेरी गाड़ी आगे बढ़ गई।
कलम पकड़ना सिखाया, गोदी में मुझे उठाया।
मुझे सब कुछ था यह भाया, पाठ भी याद कराया।।
समझ में आया शिक्षा का दाम।
,?मेरे गुरु को मेरा प्रणाम, मेरा गीत उन्हीं के नाम?
जैसे जैसे बढ़ता गया मैं, वैसे वैसे पड़ता गया मै।
गुरु देते रहे सहारा, ध्यान रखते थे वे हमारा।
जो कुछ भी मैंने पाया ,मेरे गुरु ने मुझको दिलाया।
करता हूं मैं अब अच्छे काम।
?मेरे गुरु को मेरा प्रणाम, मेरा गीत उन्हीं के नाम?
?? सभी गुरुजनों को शिक्षक दिवस
( ०५ सितम्बर)
पर ह्रदय से नमन ,??
राजेश व्यास अनुनय