मेरे गीत जब तुमको गुनगुनाए तो चले आना
गीत मेरे जब तेरा नाम गुनगुनाए तो चले आना
खुली आंखे ख्वाब तेरा दिखाए तो चले आना
पत्तो की साएंसाएं में जब तेरे कदमों की आहट हो
फूलों में भी तेरी सांसों की महक हो तो चले आना
ये गलियां कूंचे आशियाना आज भी जानते है तुझे
मेरे हर नासूर का मरहम , हकीम मानते है तुझे
वक्त ऐ रुख़सत की जो ख़बर मिले तो चले आना
गीत मेरे जब तेरा नाम गुनगुनाए तो चले आना
हुए इस कदर तेरे के फिर किसी के ना हो सके
तुम बसे रकीब संग और हम खुद के ना हो सके
खाक पर मेरी है बड़ी रौनक तेरी यादों के मेले से
तेरा हमदम भी जो दिल को दुखाए तो चले आना
मेरी खाक भी जब तुझे गुनगुनाए तो चले आना
प्रज्ञा गोयल ©®