मेरे ख्वाबों में आकर,मुझे क्यों सताते हो
मेरे ख्वाबों में आकर मुझे क्यों सताते हो,
पास होकर भी,मुझसे दूर क्यो हो जाते हो।
बिगड़ा क्या है मैने जो इस तरह सताते हो,
सता कर भी मुझे फिर प्यार क्यों जताते हो।।
मन में अगर कोई बात उसे क्यों नही बताते हो,
अगर ओर है कोई दिल में उसे क्यों छिपाते हो।
खुलकर बात करो तुम,मेरा दिल क्यो दुखाते हो,
अच्छी राह दिखाकर बुरी राह क्यो दिखाते हो।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम