मेरे खेवइया
भँवर मे जब फँसे नइया
तब आना मेरे खेवइया ।
जीवन का सहारा एक मात्र तु
बनने न देना अनहोनी का पात्र तु ।
आपकी कृपादृष्टि
सबसे बड़ी संतुष्टि ।
दे कृपादृष्टि का दान
दया कर दयानिधान ।
भँवर मे जब फँसे नइया
तब आना मेरे खेवइया ।
जीवन का सहारा एक मात्र तु
बनने न देना अनहोनी का पात्र तु ।
आपकी कृपादृष्टि
सबसे बड़ी संतुष्टि ।
दे कृपादृष्टि का दान
दया कर दयानिधान ।