मेरे इश्क़ पर न उठायें दुनिया उँगली
मेरे अशआर नापसंद हो जाये इससे तो न लिखना ही अच्छा है
दामन पर एकादा लग जाने दो दाग़ इश्क़ में दाग़ अच्छा है
सुना था मोहब्बत में इंसान पाता फूलों का रंग-बिरंगी गुलदस्ता है
मुझे तो उसने जब भी दिया दिया केवल उलझनों का गुच्छा है
कहो न दे और दर्द मेरे दिल को दिल अभी भी छोटा सा बच्चा है
पत्तों की माफ़िक गीर जायेगी दीवारें दिल का महल अभी कच्चा है
नादान हूँ मोहब्बत में दे रखा मैंने एक इंसान को ख़ुदा का दर्जा है
मेरे इश्क़ पर न उठायें दुनिया उँगली मेरा इश्क़ सो टका सच्चा है
अदा देखों दिल तोडने की अखबार में भी इस अदा का चर्चा है
जाते जाते कहती है इंसान का पता नहीं प्रेमपत्र लिखता अच्छा है