मेरे अरमान अधूरे है __ मुक्तक
मेरे अरमान अधूरे हैं तुझे ही पूरे करने हैं।
जख्म खाए बहुत मैंने तुझे ही धाव भरने है।
तुम्ही विश्वास हो मेरा _सभी से आस है टूटी।
पीर सारी मिटे मेरी दर्द भी सारे ही हरने है।।
राजेश व्यास अनुनय
मेरे अरमान अधूरे हैं तुझे ही पूरे करने हैं।
जख्म खाए बहुत मैंने तुझे ही धाव भरने है।
तुम्ही विश्वास हो मेरा _सभी से आस है टूटी।
पीर सारी मिटे मेरी दर्द भी सारे ही हरने है।।
राजेश व्यास अनुनय