Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2022 · 1 min read

“मेरे अपने “

यादें आती हैं लोगों की ,जब हम दुख से घिर जाते हैं!
लोगों के मरहम से सारे ,काले बादल छट जाते हैं!@परिमल

Language: Hindi
474 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
Bad in good
Bad in good
Bidyadhar Mantry
छोड़ कर तुम मुझे किधर जाओगे
छोड़ कर तुम मुझे किधर जाओगे
Anil chobisa
दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें)
दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें)
AJAY PRASAD
बेशक प्यार तुमसे था, है ,और शायद  हमेशा रहे।
बेशक प्यार तुमसे था, है ,और शायद हमेशा रहे।
Vishal babu (vishu)
कविता(प्रेम,जीवन, मृत्यु)
कविता(प्रेम,जीवन, मृत्यु)
Shiva Awasthi
हमें प्यार और घृणा, दोनों ही असरदार तरीके से करना आना चाहिए!
हमें प्यार और घृणा, दोनों ही असरदार तरीके से करना आना चाहिए!
Dr MusafiR BaithA
बाल एवं हास्य कविता : मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता : मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
गुलदस्ता नहीं
गुलदस्ता नहीं
Mahendra Narayan
किसी शायर का ख़्वाब
किसी शायर का ख़्वाब
Shekhar Chandra Mitra
गुमनामी ओढ़ लेती है वो लड़की
गुमनामी ओढ़ लेती है वो लड़की
Satyaveer vaishnav
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
हॉस्पिटल मैनेजमेंट
हॉस्पिटल मैनेजमेंट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है
मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है
Manisha Manjari
काश असल पहचान सबको अपनी मालूम होती,
काश असल पहचान सबको अपनी मालूम होती,
manjula chauhan
* बातें व्यर्थ की *
* बातें व्यर्थ की *
surenderpal vaidya
Peace peace
Peace peace
Poonam Sharma
साहिल के समंदर दरिया मौज,
साहिल के समंदर दरिया मौज,
Sahil Ahmad
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै
Harminder Kaur
दर्द अपना संवार
दर्द अपना संवार
Dr fauzia Naseem shad
काग़ज़ पर उतार दो
काग़ज़ पर उतार दो
Surinder blackpen
■ अनफिट हो के भी आउट नहीं मिस्टर पनौती लाल।
■ अनफिट हो के भी आउट नहीं मिस्टर पनौती लाल।
*Author प्रणय प्रभात*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
वन उपवन हरित खेत क्यारी में
वन उपवन हरित खेत क्यारी में
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
मजे की बात है ....
मजे की बात है ....
Rohit yadav
गीत मौसम का
गीत मौसम का
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
★गहने ★
★गहने ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
खोने के लिए कुछ ख़ास नहीं
खोने के लिए कुछ ख़ास नहीं
The_dk_poetry
Loading...